सविनय अवज्ञा आन्दोलन -
सविनय अवज्ञा आन्दोलन (नमक आन्दोलन ,डांडी मार्च) 1929 ई० के कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस कार्यकारिणी ने गांधी जी को सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ करने की अनुमति प्रदान कर दी , इस अधिवेशन की अध्यक्षता प0 जवाहर लाल नेहरू ने की
फरवरी 1930 ई० में साबरमती आश्रम में हुई कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में महात्मा गांधी को सविनय अवज्ञा आन्दोलन की बागडौर सौप दी गयी /
महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ करने से पहले अपना 11 सूत्रीय मानपत्र तत्कालीन वायसराय लार्ड इरविन को सौपा और कहा कि यदि गमारी मान को मान लिया जाय तो मई अपना आन्दोलन स्थगित कर दूंगा /
गांधी जी ने अपनी 11 सूत्रीय मांगो को न माने जाने पर लार्ड इरविन को एक पत्र लिखा "मैंने रोटी माँगी और जवाब में मुझे पत्थर मिला इन्तजार की घडिया अब ख़त्म हो गयी" सविनय अवज्ञा आन्दोलन के तहत महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 ई० को ऐतिहासिक नमक यात्रा अपने चुने हुए 78 अनुयायियों के साथ
साबरमती आश्रम से प्रारम्भ किया लगभग 200 मील की यात्रा करने के बाद 5 अप्रैल 1930 ई० को महात्मा गांधी डांडी पहुचे और 6 अप्रैल 1930 ई० को नमक बनाकर नमक क़ानून का उल्लंघन किया /
डांडी प्रस्थान के समय महात्मा गांधी ने कहा था कि यदि मेरी इस यात्रा से स्वराज नहीं मिला तो मै रास्ते में मर जाना चाहूँगा और अगर नमक से टैक्स भी नहीं हटवा सका तो मेरा आश्रम लौटने का कोई इरादा नहीं है /
उत्तरी पश्चिमी सीमा प्रांत के मुसलमानों ने खान अब्दुल गफ्फार खां के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आन्दोलन चलाया था इनके द्वारा चलाये गए आन्दोलन को खुदाई खिदमतगार आन्दोलन या लाल कुर्ती आन्दोलन कहा जाता है /
खान अब्दुल गफ्फार खां को फ्रंटियर गांधी ,सीमान्त गांधी या सरहदी गांधी कहा जाता था / और खान अब्दुल गफ्फार खां के अनुयायी महात्मा गांधी को मलंग बाबा कहते थे /
ब्रिटिश सरकार ने चन्द्र सिंह गढ़वाली के नेतृत्व में उत्तरी पश्चिमी सीमा प्रांत के पठानों को दबाने के लिए एक सेना भेजी परन्तु इस सेना ने पठानों पर गोली चलाने से इनकार कर दिया /
पूर्वी भारत में 13 वर्षीय नागा महिला गैडविन्ल्यू के नेतृत्व में आन्दोलन चलाया गया था / गैडविन्ल्यू को अंग्रेजो ने गिरफ्तार कर
लिया और जब देश स्वतन्त्र हुआ तब जवाहर लाल नेहरू ने रानी की उपाधि के साथ इन्हें जेल से रिहा किया /
1932 ई० में मास्टर सूर्यसेन के नेतृत्व में क्रान्तिकारियो ने चटगाव (बंगलादेश) शस्त्रागार पर हमल करके उसे लूट लिया /
तमिलनाडु में चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने उत्तरप्रदेश में गोविन्द बल्लभ पन्त , जवाहर लाल नेहरू ने सविनय अवज्ञा आन्दोलन का नेतृत्व किया /
श्रीमती सरोजिनी नायडू और इमाम साहब के नेतृत्व में सरसना (महाराष्ट्र) के नमक गोदाम पर धावा बोल दिया गया और यही पर इन दोनों को लोहे की लाठियों से पीटा गया /
0 टिप्पणियाँ
if you have any doubt please let me know