पठार
हमें पठार के अंतर्गत निम्न के बारे में पढ़ना है।
- पठार क्या है।
- पठार और पर्वतों में अंतर
- विश्व के प्रमुख पठार
- भारत के पठार
पठार
पठार पर्वत के ही भाग होते हैं, जिन पर्वतों के ऊपरी भाग का अपक्षय हो जाता है , और अपक्षय हो जाने के कारण उनका ऊपरी भाग बिल्कुल सपाट या समतल हो जाता है इन्हीं को पठार कहा जाता है। पठार की आकृति एक मेज की जैसी होती है
अक्सर जहां पर पर्वत होते हैं वहीं पर पठार भी पाए जाते हैं ।
क्योंकि जब पर्वतों का हवाओं के द्वारा अपरदन होता है या यह पठार का रूप धारण कर लेता है।
पठार के प्रकार
अंतर पर्वतीय पठार
"दो पर्वतों के बीच स्थित पठार को अंतर पर्वतीय पठार कहते हैं"
जब किसी बड़े पर्वत या पहाड़ के बीच के भाग का हवाओं के द्वारा अपरदन हो जाता है तो वह अंतर पर्वतीय पठार का रूप धारण कर लेते हैं।
उदाहरण: तिब्बत का पठार
गिरिपद पठार
ऐसे पर्वत जिनके ऊपरी भाग के थोड़ा से ढलान के बाद पर्वत का पूरा भाग एक समतल भाग के जैसे दूर तक फैला हुआ है तो ऐसे पर्वत को हम गिरिपद पठार के नाम से जानते हैं
महाद्वीपीय पठार
ऐसा देश जिसका लगभग 80% भाग पठार उसे महाद्वीपीय पठार के अंतर्गत जाना जाता है
उदाहरण बोलीविया का पठार
ज्वालामुखी पठार
जब पृथ्वी से मैग्मा बाहर निकलता है और बाहर निकलने के बाद धरातल पर लावा इकट्ठा होने लगता है तो लावो के इकट्ठा होने से जिस पठार का निर्माण होता है उसे ही हम ज्वालामुखी पठार कहते हैं।
टैकटानिक पठार
जब किसी दो चट्टानों का आपस में टकराव होता है तो बीच का भाग ऊपर उठने लगता है यदि उठने वाला भाग का ऊपरी सिरा समतल होता है जो पठार का रूप ले लेता है और इसी पठार को ही हम टेक्टोनिक पठार कहते हैं।
परीक्षाओं में उठने वाले प्रश्न पठारो की स्थिति और उनके स्थान से आते हैं। इसलिए हम अब कुछ पठारो के बारे में उनके स्थान के बारे में जान लेते हैं।
पठार एवं पर्वतों में अंतर
धरातल एवं समुद्र तल से लगभग 1000 मीटर से ऊंचा उठा उठा हुआ वह भाग जो समतल होता है उसे पठार कहते हैं और समुद्र तल से 1000 से अधिक मीटर ऊंचा उठा हुआ वह भाग जो नुकीला होता है उसे पर्वत कहते हैं।
जलीय पठार
नदियों द्वारा सागरों में पहुचने से पूर्व उनके द्वारा बहाकर लाए गए निक्षेपों के जमाव से एसे पठार बनते हैं।
वायव्य पठार
इन पठारो का निर्माण वायु के परिवहन तथा निक्षेपण के परिणामस्वरुप होता हैं।
हिमानी पठार
पर्वतीय क्षेत्रों में कई भु-भाग हिमानी क्रिया से अपरदन तथा निक्षेपण के कारण पठारों में बदल गए हैं। जैसे_ ग्रीनलैंड और अंटार्टिका
उस्यन्त पठार
ऐसे पठारों की उत्पत्ति ज्वालामुखी उद्दगार के समय लावा के धरातल पर फैलकर जमा हो जाने के कारण होती हैं।
विश्व के प्रमुख पठार
- पामीर का पठार तिब्बत। विश्व की छत)
- एशिया माइनर तुर्की
- मसेटा का पठार स्पेन
- अनातोलिया का पठार तुर्की
- चियापास मैक्सिको
- यूकान अमेरिका
- शान म्यामार
- ओजार्क अमेरिका
- माटोग्रासो ब्राजील
- कोलोरेडो अमेरिका
- ग्रेट वेसिन अमेरिका
- पोतावर पाकिस्तान
- केरात थाइलैंड
- पीटमण्ड अमेरिका
- लोरेशिया कनाडा
- तासिली. अल्जीरिया
- बाई अंगोला
- जाडो का पठार नाइजीरिया
- अलास्का अलास्का
- उवागी सेन्ट्रल अफ्रीका
- अदामावा, नाइजीरिया
- लोयस चीन
- कोलंबिया अमेरिका
- बोरबोरगो ब्राजील
- इदाहो अमेरिका
भारत के पठार
- छोटा नागपुर का पठार
- शिलांग का पठार
- दक्कन का पठार
- बुंदेलखंड का पठार
- मालवा का पठार
- महाराष्ट्र पठार
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