***झील***
झील जल का वह स्थिर भाग है जो चारों तरफ से स्थल खंड से घिरा होता है।
**उत्तर प्रदेश की प्रमुख झीलें**
- फुलहर झील : पीलीभीत
- बरुआसागर झील : झांसी
- देवरिया ताल: कन्नौज
- औंधी ताल झील : वाराणसी
- मोती झील : कानपुर
- बलहापारा झील : कानपुर
- रामगढ़ ताल झील: गोरखपुर
- चिलुआ ताल झील: गोरखपुर
- सुरहा ताल झील: बलिया
- राधा कुंड: मथुरा
- कुसुम कुंड: मथुरा
- श्याम कुंड: मथुरा
- नौह झील: मथुरा
- कोकिला कुंड: मथुरा
- मानसी गंगा : मथुरा
- राजा ताल: सुल्तानपुर
- भोजपुर और लौंदी ताल: सुल्तानपुर
- चितौरा झील : बहराइच
- प्रयाग झील: बहराइच
- शेखा झील : अलीगढ़
- नवाबगंज झील: उन्नाव
- दाहर एवं भिजवान झील: अयोध्या
- सरसई नावर एवं भाखा झील: इटावा
- अलवारा झील: कौशांबी
- शुक्रताल : मुज़फ्फरनगर
कुछ झीलों के बारे में विस्तार से जाने :
बरुआ सागर झील:
स्थिति: झांसी से 25 किलोमीटर दूर बेतवा नदी के किनारे
निर्माण: ओरछा के राजा उदित सिंह
- शिव पार्वती को समर्पि
- त उत्तर गुप्तकालीन जुरई मठ मंदिर यहीं पर स्थित है
- ग्रेफाइट से बने दो चंदेल कालीन मंदिर वह एक किले का अवशेष भी यहीं पर स्थित है।
- चंदेल कालीन मंदिरों के अतिरिक्त धुधुना मठ भी स्थित है
राधाकुंड झील:
स्थिति: मथुरा के समीप गोवर्धन में स्थित है।
- पौराणिक कथाओं के अनुसार यह राधा कृष्ण से संबंधित है।
- झील के चारों तरफ स्थापत्य रूप से निर्मित कुसुम झील है जिसका निर्माण जाट महाराजा सूरजमल के द्वारा किया गया है।
गोविंद बल्लभ पंत सागर झील:
स्थिति: सोनभद्र के पिपरी
क्षेत्रफल: 70 वर्ग मील
नोट यह भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है जिसका निर्माण रिहंद जलाशय के फलस्वरुप हुआ।
रामगढ़ ताल झील:
स्थिति : गोरखपुर
- बौद्ध ग्रंथों के अनुसार छठवी शताब्दी ईसा पूर्व में महाजनपद में कोलीय गणराज्य की राजधानी रामग्राम थी।
- इस बात की चर्चा बौद्ध यात्री विभिन्न संघ ने अपनी पुस्तक
- सी यू की में भी की है।
- राप्ती नदी मैदान में स्थित है।
कीठम झील:
अन्य नाम: सूर सरोवर
स्थिति: आगरा दिल्ली NH2 पर स्थित है।
- सुर सरोवर पक्षी अभ्यारण कीठम झील के पास स्थित है।
बेला झील :
स्थिति: महोबा से 10 किलोमीटर दूर कुलापहाड़ नामक स्थान
निर्माण: राजा परीक्षित ने अपनी पत्नी की याद में
क्षेत्रफल: 8 वर्ग मील
महोबा में स्थित सभी झीलें
मदन सागर झील महोबा
कीर्ति सागर झील महोबा
विजय सागर झील महोबा
बेला सागर झील महोबा
रहेला सागर झील महोबा
मदन सागर झील :
स्थिति: महोबा
निर्माण: राजा मदन बर्मन
- यह 100 वर्ष पुरानी झील है
- इसकी सीढी ग्रेनाइट से बनी है।
कीर्तिसागर झील :
स्थिति : महोबा
निर्माण : राजा कीर्तिवर्मन
बखीरा झील :
स्थिति : संत कबीर नगर
सुरहा ताल झील
- बलिया में गोखुर झील है
- गंगा नदी झील के आसपास के क्षेत्र को सुरहा ताल पक्षी विहार के नाम से जानते है ।
- 1991 में इसका औपचारिक नाम जयप्रकाश नारायण पक्षी विहार कर दिया गया।
पार्वती औरंगा झील
स्थिति : गोंडा (इसे रामसर स्थल घोषित किया गया है)
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