वैदिक सभ्यता
वैदिक सभ्यता -सिन्धु सभ्यता के पतन के बाद एक नयी सभ्यता का विकाश हुआ जिसे वैदिक सभ्यता के नाम से जाना जाता था(वैदिक सभ्यता की जानकारी हमें वेदों से प्राप्त होती है )
अभी तक इतिहासकारो को कोई प्रमाणित साक्ष्य नहीं प्राप्त हुआ है कि आर्य भारत कब आये थे / हिन्दू धर्म का जन्म इसी वैदिक काल में हुआ था इसीलिए हिन्दू धर्म को वैदिक धर्म भी कहा जाता है, वैदिक सभ्यता एक ग्रामीण सभ्यता थी /
वैदिक सभ्यता (1500 -600)ई० पू० - को दो भागो में विभाजित किया गया है :-
1.ऋगवैदिक काल - ऋगवैदिक काल की जानकारी हमें ऋगवेद से प्राप्त होती है /
2.उत्तरवैदिक काल -इस काल की जानकारी हमें यजुर्वेद ,सामवेद एवं अथर्ववेद से प्राप्त होती है / वैदिक काल में आर्यों का आगमन भारत में हुआ है आर्य संस्कृत शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है " श्रेष्ठ "
आर्यों का निवास स्थान क्या था :-
आर्यों का मूल निवास स्थान क्या है / भिन्न -भिन्न विद्वानों का आर्यों के मूल स्थान के बारे में अलग -अलग मत है /- ये प्रश्न अक्सर परीक्षाओं में पूछे जाते है / 1. मैक्समूलर - मैक्समूलर के द्वारा बताया गया कि इनका मूल निवास स्थल मध्य एशिया है (जो कि सर्वमान्य माना जाता है )
2.दयानंद सरस्वती - दयानंद सरस्वती ने इनका मूल स्थान तिब्बत बताया है
३.बाल गंगाधर तिलक- इनका मानना है कि आर्य उत्तरी ध्रुव के थे
आर्यों की सभ्यता :-
आर्य सर्वप्रथम पंजाब एवं अफगानिस्तान में आकर बसे / यह एक ग्रामीण सभ्यता थी / इनकी मुख्य भाषा संस्कृत थी /
आर्यों की प्रशासनिक ईकाई 5 भागों में बंटी थी - कुल ,ग्राम विश ,जन तथा राष्ट्र (सबसे छोटी ईकाई कुल थी तथा सबसे बड़ी ईकाई राष्ट्र थी )
"वेद शब्द विद शब्द से बना है जिसका अर्थ ज्ञान एवं बुद्धिमत्ता से होता है इन्हें श्रुति भी कहा जाता है "
वेदों की संख्या चार थी-
1.ऋगवेद ,
2.यजुर्वेद
.3.सामवेद
4.अथर्ववेद
ऋगवेद -
ये सबसे प्राचीन वेद है / इसमे 10 मण्डल 1028 सूक्त और 10462 ऋचाए है / दसवे मण्डल में ही पुरुष सूक्त है जिसमे चारो वर्णों (ब्राहमण ,क्षत्रिय ,वैश्य तथा सूद्र ) का उल्लेख है / ऋगवेद आयुर्वेद से सम्बंधित है
ऋगवेद के तीसरे मण्डल में गायत्री मंत्र का उल्लेख है
इंद्र ऋगवेद में सबसे महत्वपूर्ण देवता है उन्हें वर्षा का देवता एवं आर्यों का संरक्षक माना जाता है
यजुर्वेद -
यजुर्वेद में यज्ञों के नियमो एवं विधि विधान का संकलन है इसमे बलिदान बिधि का भी वर्णन है / यजुर्वेद में धनुर्विद्या का भी उल्लेख है,इसके पुरोहित "अध्वर्यु"कहलाते है
सामवेद-
सामवेद को कला एवं संगीत का जनक कहा जाता है / इसमे संगीतमय स्त्रोत है / इसमे 1549 ऋचाये है / इसके पुरोहित "उदगाता" कहलाते है
अथर्ववेद-
अथर्ववेद अथर्वा ऋषि द्वारा रचित है / अथर्ववेद का सम्बन्ध चिकित्सा, जादू टोना, तथा वशीकरण मंत्र से है
हिन्दुओ के छः विख्यात दार्शनिक सम्प्रदाय भी वैदिक सम्प्रदाय में आते है / जो इस प्रकार है :-
1.गौतम - न्याय प्रणाली
2.कपिल - सांख्य दर्शन
3.कणाद - वैशेषिक
4.पतंजली - योग दर्शन
5.जैमिनी - पूर्व मीमांसा
6. व्यास - उत्तर मीमासा
यहाँ पर कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों को लिया गया है जो मुख्य रूप से परीक्षाओं में पूछे जाते है
वेदों की संख्या - 4
पुरानो की संख्या -18
उपनिषद् - 108
उपनिषद् का शाब्दिक अर्थ है - गुरुओ के समीप बैठना /
सत्यमेव जयते मुन्ड़कोपनिषद से लिया गया है
आर्यों का मुख्या व्यवसाय पशुपालन था /
आर्यों का समाज पितृप्रधान था /
बाल विवाह तथा पर्दा प्रथा का प्रचलन नहीं था /
स्त्रिया शिक्षा ग्रहण करती थी /
आर्यों का प्रिय पशु घोडा था /
आर्यों द्वारा खोजी गयी धातु - लोहा थी /
ऋगवेद में सबसे पवित्र नदी सरस्वती को माना जाता था /
गाय को अधन्या (न मारे जाने वाले पशु के रूप ) में जाना जाता था / -
ऋगवेद में व्यवसाय के आधार पर वर्ण का निर्धारण किया जाता था /
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