सिन्धु घाटी सभ्यता

सिन्धु सभ्यता

जैसा कि आप सभी जानते है कि - UPSSSC PET की परीक्षा तिथि आ गयी है इसकी परीक्षा 20 अगस्त 2021 को होने वाली है / मैंने आपके अध्ययन के लिए Notes तैयार किया हुआ जो आपके परीक्षा की दृष्टिकोण से आपके लिए बहुत ही अच्छा साबित हो सकता है /


सिन्धु घाटी सभ्यता


  • सिन्धु घाटी सभ्यता को जानने से पहले हमें पाषाण काल के बारे में जानना होगा / पाषाण काल में मानव का जीवन पत्थरो पर आश्रित था /
  • मनुष्य का कच्चे मांस खाना ऐसी ही बहुत सारी चीजे लेकिन मनुष्य का विकाश की प्रगति बहुत धीमी थी / 
  • आप जानते ही होंगे कि पुरा पाषाण काल से नव पाषाण काल तक कितना समय लगा लेकिन व्यक्ति ने नव पाषाण काल में अग्नि की खोज की मनुष्य ने कच्चे मांस को पकाकर खाना सीख लिया /
  • नव पाषाण काल में हुए विकाश को देखने के बाद गार्डेन चाइल्ड ने नव पाषाण काल को क्रान्ति का काल कहा / 
  • आप समझ सकते हो कि पुरा पाषाण काल से नव पाषाण काल के बीच का समय 500000 ई० पू० तक था और इस समय के बीच कितना धीमा विकाश हुआ 
  • सिन्धु घाटी सभ्यता के बाद से व्यक्ति के विकाश की प्रगति तीव्र हो गयी /

  • ये इससे मालूम पड़ता है कि- क्योकि आप अंदाजा इस बात से लगा सकते है कि अभी 2021 तक 3000 वर्ष ही हुए होंगे और व्यक्ति मंगल ग्रह तक पहुच गया 
  • सिन्धु सभ्यता की खोज रायबहादुर दयाराम साहनी ने 1922 ई० में की /

  • सिन्धु सभ्यता को प्राकऐतिहासिक अथवा कांस्य युग में रखा जा सकता है / इस सभ्यता के मुख्य निवासी द्रविड़ एवं भूमध्यसागरीय थे / 

  • सिन्धु सभ्यता के सर्वाधिक पश्चिमी पुरास्थल दाश्क नदी के किनारे स्थित सुतकांगेडोर (बलूचिस्तान), पूर्वी पुरास्थल हिन्डन नदी के किनारे गोदावरी नदी के तट पर आलमगीरपुर (जिला मेरठ, उत्तरप्रदेश ),उत्तरी पुरास्थल चिनाब नदी के तट पर अखनूर के निकट मांदा (जम्मू कश्मीर ) तथा दक्षिणी पुरास्थल दाइमाबाद (जिला अहमदनगर ,महाराष्ट्र )
  • सिन्धु सभ्यता नगरीय सभ्यता थी सिन्धु सभ्यता से प्राप्त स्थलों में केवल 6 को ही बड़े नगर की संज्ञा दी गयी है /- जो है मोहनजोदड़ो ,हड़प्पा ,गणवारीवाला, धौलावीरा , राखीगढ़ी एवं कालीबंगन
  • सिन्धु सभ्यता के प्रमुख बंदरगाह लोथल एवं सुतकोतदा थे /
  • कालीबंगन से जुते हुए खेत एवं नक्काशीदार ईटो का साक्ष्य प्राप्त हुआ है /
  • मनके बनाने के कारखाने चन्हूदड़ो एवं लोथल से प्राप्त हुए है / मोहनजोदड़ो से एक शील पर तीन मुख वाले देवता (पशुपति नाथ )की मूर्ती मिली है उनके चारो ओर भैसा, चीता ,हाथी और गैंडा विराजमान है /
  • मोहनजोदड़ो से नर्तकी की एक कांस्य मूर्ति मिली है /
  • सिन्धु सभ्यता की लिपि भावचित्रात्मक है
  • सिन्धु सभ्यता के लोगो ने नगरीय विन्यास के लिए ग्रीड पद्धति अपनाए /
  • सिन्धु घाटी सभ्यता में घरो के दरवाजे सड़क के तरफ न खुलकर पीछे की तरफ खुलते थे /
  • सिन्धु सभ्यता की मुख्य फसल गेहू तथा जौ थी /
  • सैंधव वासी मिठास के लिए शहद का प्रयोग करते थे /
  • सुरकोतदा ,कालीबंगन ,एवं लोथल से सैन्धवकालीन घोड़े के अस्थिपंजर मिले है /
  • मेलूहा शब्द का अभिप्राय सिन्धु सभ्यता से है /
  • पिग्गट ने हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो को एक विस्तृत साम्राज्य की जुड़वा राजधानी कहा है /
  • सिन्धु सभ्यता के लोग धरती को उर्वरता की देवी मानकर उसकी पूजा किया करते थे /
  • स्वास्तिक चिन्ह हड़प्पा सभ्यता की देन है /

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ