भारत की नागरिक न करें रखाइन प्रांत की यात्रा भारत सरकार ने दी चेतावनी
भारत ने मंगलवार को अपने नागरिकों को बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर म्यांमार के रखाइन राज्य की यात्रा न करने की सलाह दी।
एक सलाह में, विदेश मंत्रालय ने उन भारतीय नागरिकों से तुरंत वहां से चले जाने को कहा जो पहले से ही रखाइन राज्य में हैं।
इसमें कहा गया है सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति, लैंडलाइन सहित दूरसंचार के साधनों में व्यवधान और आवश्यक वस्तुओं की गंभीर कमी को देखते हुए, सभी भारतीय नागरिकों को म्यांमार के रखाइन राज्य की यात्रा न करने की सलाह दी जाती है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, "जो भारतीय नागरिक पहले से ही रखाइन राज्य में हैं, उन्हें तुरंत राज्य छोड़ने की सलाह दी जाती है।"
विदेश मंत्रालय ने कहा कि म्यांमार में रहने की योजना बना रहे सभी भारतीय नागरिकों (अल्पकालिक पर्यटकों को छोड़कर) को यांगून स्थित भारतीय दूतावास के साथ खुद को पंजीकृत करने की सलाह दी जाती है. दूतावास के साथ पंजीकरण से नागरिकों को किसी भी आपातकालीन स्थिति में या ऐसी आवश्यकता उत्पन्न होने पर उठाए जाने वाले उपायों की सुविधा मिलेगी.
विवाद का कारण
विवाद का कारण यह है कि म्यांमार के रखाइन प्रांत से गैस एवं तेल से लगभग 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार चीन के साथ होता है । जिससे सेना उस पैसे का इस्तेमाल अपने लिए करती है।
म्यांमार की सेना को जुनता के नाम से जानते हैं।
म्यांमार की जनता के प्रमुख विद्रोह का कारण यही तेल एवं गैस का भंडार है जिसे म्यांमार की सेना अपने लिए इस्तेमाल करती हैं
वहा की जनता चाहती है कि यहां पर तेल एवं गैस का जो भंडार है उसका व्यापार वह करें जिससे उसे धन अर्जित हो और वह अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके।
हालत यह है की सेवा और जनता के साथ इतना विद्रोह हो गया है कि वहां की सेवा भाग कर बांग्लादेश एवं भारत में शिविर लगाकर छिपी हुई है ।
जिसके कारण भारत सरकार को यह लगता है कि म्यांमार अपनी सेना के इस हालत को देखकर वहां पर हमले करवा सकती हैं।
जिसके कारण भारत सरकार ने वहां पर रहने वाले भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की है कि वह म्यांमार में स्थित यांगून नामक स्थल पर जाकर वहां पर जो भारत के राजदूत हैं उनके ऑफिस में जाकर पंजीकरण करवा ले जिससे भारत सरकार जरूरत के समय पर वहां पहुंचकर उनके बचाव कर सके।
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