राष्ट्रकूट वंश का संस्थापक दंतिदुर्ग था
इसके बाद कृष्ण प्रथम शासक बना इसी के शासनकाल में एलोरा के प्रसिद्ध कैलाश मंदिर का निर्माण हुआ था । जो महाराष्ट्र राज्य में स्थित है ।
गोविंद द्वितीय, ध्रुव ,गोविंद तृतीय तथा अमोघ वर्ष भी प्रसिद्ध राष्ट्रकूट शासक थे।
अमोघ वर्ष में मान्यखेत नामक नगर की स्थापना की तथा उसे अपनी राजधानी बनाया प्रसिद्ध जैन आचार्य जिनसेन उनके गुरु थे।
अरब यात्री सुलेमान ने 851 ईस्वी में अमोघ वर्ष का उल्लेख बल्हारा नाम से किया
कर्क द्वितीय अंतिम राष्ट्रकूट शासक था।
कल्याणी के चालुक्य शासक तैलप द्वितीय ने राष्ट्रकूट वंश को समाप्त कर उसे अपने राज्य में मिल लिया
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