हर्यक वंश 544 ईसा पूर्व
बिंबिसार
इन की प्रथम राजधानी राजगृह थी ।
इनकी स्थापना बिंबिसार ने की थी यह गौतम बुद्ध के समकालीन था
इसने अंग राज्य पर आक्रमण करके मगध को मिलाया।
इसने कोशल देवी से विवाह किया जो कौशल के महाराज प्रसेनजीत की बहन थी और उसी से इसे दहेज में गाजी प्राप्त हुआ था।
इसकी दूसरी पत्नी का नाम चेल्लना था जो लिच्छवि वंश की राजकुमारी थी ।
इनका एक राज्य वैद्य जिसका नाम जीवक था इसने जीवक को अवंती की राजा प्रद्योत का इलाज करने भेजा जो पीलिया रोग से ग्रसित था।
बिंबिसार की हत्या इसकी पुत्र अजातशत्रु के द्वारा की गई जो मगध का अगला शासक बना।
अजातशत्रु ( 492 ईसा पूर्व 460 ईसा पूर्व)
महावीर स्वामी तथा गौतम बुद्ध दोनों की मृत्यु इसी के शासनकाल में हुई।इसने वज्ज संघ और मल्ल संघ पर आक्रमण करके मगध में मिलाया।
483 ई०पू० में इसने प्रथम बौद्ध महासंगीत का आयोजन करवाया था ।
अजातशत्रु ने ही 2 नए हथियारों का इस्तेमाल करने की शुरुआत की।
- रथ मूसल
- महाशिला कंटक
उदायीन
इसने गंगा एवं सोन नदी के संगम पर एक शहर की स्थापना की जिसको पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता है ।
इसने अपनी राजधानी पाटलिपुत्र से वैशाली स्थानांतरित की। सबसे अंतिम शासक नाग दशक था जिसकी हत्या उसके महामात्य शिशुनाग ने कर दी थी।
शिशुनाग वंश
शिशुनाग वंश का संस्थापक शिशुनाग था।इसने अवंती पर आक्रमण करके प्रद्योत वंश का अंत किया और अवंती को मगध साम्राज्य में मिला लिया।
इसमें अपनी राजधानी पाटलिपुत्र से वैशाली स्थानांतरित की।
कालाशोक
इसका उत्तराधिकारी इसका पुत्र कालाशोक हुआ।कालाशोक 383 ईसा पूर्व में द्वितीय बौद्ध संगीति का आयोजन किया।
कालाशोक ने राजधानी को फिर पाटलिपुत्र से वैशाली स्थानांतरित किया।
इस वंश का अंतिम शासक नंदी वर्धन था जिसकी हत्या इसके सचिव द्वारा की गई थी।
नंद वंश
महापद्मनंद
नंद वंश का संस्थापक महापद्मनंद था।इस वंश का अंतिम एवं महान शासक इसका आठवां पुत्र घनानंद था।
सिकंदर का आक्रमण की शुरुआत
घनानंद की हत्या चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य की मदद से की थी। जिसने मगध के प्रमुख वंश की स्थापना की ।
0 टिप्पणियाँ
if you have any doubt please let me know