मऊ उत्तर प्रदेश

मऊ उत्तरप्रदेश 

मऊ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख जिला है। मऊ एक औद्योगिक नगर और मऊ जिले का मुख्यालय है, जिसे वर्तमान में मऊनाथ भंजन के नाम से भी जाना जाता है ।यह शहर अपने साड़ी निर्माण, इस शहर के निवासियों के पारंपरिक व्यवसाय और अपनी सदियों पुरानी कला के लिए प्रसिद्ध है।


मऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 300 किलोमीटर दूर है। तमसा नदी मऊ जिले के बीचो-बीच से बहती है। मऊ जिले में तमसा और छोटी सरयू नदी का संगम स्थल है।  मऊ जिले का संबंध प्राचीन समय में रामायण काल से रहा है। यहां पर वाल्मीकि ऋषि का आश्रम हुआ करता था। वाल्मीकि ऋषि एक महान ऋषि थे। मऊ जिले में बहुत सारे प्राचीन महत्व की जगह देखने के लिए मिलती है। आप मऊ जिले में घूमने के लिए आ सकते हैं। मऊ जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है।

नामकरण 

जिले के नामकरण के बारे में बहुत सारी कहानियां विद्वानों का मत है मऊ जिले का नाम संस्कृत भाषा के मयूर शब्द से लिया गया है । और कुछ विद्वानों का मत है कि यह नाम तुर्की से लिया गया है तुर्की में इसका अर्थ होता है ठहराव 

मऊ जिला कब बना

मऊ जिला बनने से पूर्व यह आजमगढ़ का एक हिस्सा था 19 नवंबर 1988 को आजमगढ़ से अलग करके एक स्वतंत्र जिला बनाया गया । 


मऊ जिले की भौगोलिक स्थिति

इसके पूर्व में बलिया जिला उत्तर में गोरखपुर जिला देवरिया जिला एवं आजमगढ़ जिला पश्चिम में भी आजमगढ़ जिला दक्षिण में गाजीपुर जिला है ।

क्षेत्रफल इस जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 1713 वर्ग किलोमीटर है। 
तमसा ,छोटी सरयू एवं घाघरा नदी 

आइये जानते हैं - मऊ जिले में घूमने वाली जगह के बारे में पर 

मऊ मे घूमने के प्रमुख स्थल: 

बारहदुआरिया शिव मंदिर मऊ

बारहदुआरिया शिव मंदिर मऊ जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर को लेकर बहुत सारे धार्मिक मान्यताएं प्रसिद्ध है। यह मंदिर तमसा नदी के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। इस मंदिर में 12 द्वार देखने के लिए मिलते हैं इसलिए इस मंदिर को बारहदुआरिया मंदिर के नाम से जाना जाता है  

बारहदुआरिया मंदिर मऊ जिले के नौसेमर गांव में स्थित है। यह तमसा नदी के बाएं किनारे पर बना हुआ है। मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग स्थापित है। कहा जाता है, कि जब भगवान राम विश्वामित्र के साथ ताड़का वध के लिए बक्सर के जंगल में जा रहे थे। तभी शाम को यहीं पर उन्होंने भगवान शिव की आराधना की और एक शिवलिंग स्थापित किया था। इस मंदिर में, जो भी लोग अपनी मनोकामना मांगता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। यहां पर सावन सोमवार, कार्तिक पूर्णिमा और शिवरात्रि पर बहुत बड़ा मेला लगता है और बहुत सारे लोग भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं।

मुक्तिधाम दोहरीघाट:

दोहरीघाट मऊ जिले का एक सुंदर स्थान है। यह जगह मऊ जिले में दोहरीघाट में स्थित है। यहां पर आपको घाघरा नदी के किनारे सुंदर घाट देखने के लिए मिलता है। घाघरा नदी यहां पर बहती है। यहां पर बहुत सारे मंदिर भी बने हुए है, जिन्हें आप देख सकते हैं। यहां पर आप घाट में नहा भी सकते हैं। आप यहां पर बोट राइड का भी मजा ले सकते हैं। यह जगह अच्छी है और यहां पर आकर अच्छा समय बिता सकते हैं। 

दोहरीघाट के किनारे हनुमान जी का मंदिर बना हुआ है। मंदिर में हनुमान जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर मेला भी लगता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग यहां पर शामिल होते हैं। यह मंदिर बहुत सुंदर है। इसके अलावा यहां पर बाबा मेला राम मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। बाबा मेला राम एक तपस्वी थे और यहां पर उनका समाधि स्थल देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आ कर पूरा घाट एवं मंदिर घूम सकते हैं। 

मां शीतला माता जी का मंदिर मऊ 

शीतला माता मंदिर मऊ जिले का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर मुख्य मऊ जिले में स्थित है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पर एक बड़ी सी झील है, जिसके बीच में फव्वारा लगा हुआ है। झील में बहुत सारे बदक भी घूमते रहते हैं। यहां पर झील में बहुत बड़ी-बड़ी मछलियां भी हैं। आप यहां पर मछलियों को खाना भी खिला सकते हैं। यहां पर शांति से बैठ जा सकता है। मंदिर में शीतला माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं, जो बहुत ही सुंदर लगती हैं। शीतला माता की प्रतिमा बहुत सुंदर है और आप यहां पर आकर दर्शन कर सकते हैं। यहां पर और भी बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर हनुमान जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो लेटी हुई अवस्था में है। 

आप यहां आकर हनुमान जी के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर शिव मूर्ति के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। नवरात्रि के समय यहां बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। बहुत सारे भक्त यहां पर माता के दर्शन करने के लिए आते हैं और इस जगह को बहुत ही अच्छी तरह से सजाया जाता है। इस जगह में पूरी लाइटिंग की व्यवस्था की जाती है। रात में जब यह लाइट चालू होती है, तो बहुत ही सुंदर लगती है। 

        

रोज गार्डन - Rose Garden

रोज गार्डन मऊ जिले का एक मुख्य स्थल है। यहां पर एक सुंदर गार्डन बना हुआ है। यहां पर विभिन्न कलर के रोज देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर बहुत सारे झूले भी लगे हुए हैं, जहां पर आप इंजॉय कर सकते हैं। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। 

वनदेवी धाम मऊ - Vanadevi Dham Mau

जिला दक्षिण-पश्चिम वनदेवी मंदिर नेता सीता माता मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर प्रकृति के सुंदर और रोमांटिक वातावरण में स्थित है। यह अब भक्तों के आकर्षण का केंद्र है। वनदेवी मंदिर पौराणिक और सांस्कृतिक आदर्शों के साथ-साथ उनकी अंतर्निहित गरिमा के लिए भी प्रेरणा का काम करता है। कहानियों और भूवैज्ञानिक आंकड़ों के आधार पर यह महर्षि वाल्मिकी की साधना स्थली के रूप में प्रसिद्ध है। अभी महर्षि घर में कहीं और होंगे. ऐसा माना जाता है कि माता सीता ने अपने पति के धर्म के प्रति निरंतर निष्ठा के बाद अपने पुत्रों लव-कुश को जन्म दिया था। यह अन्य बातों के अलावा स्थान का प्रतिनिधित्व करता है। महर्षि वाल्मिकी के अनुसार समस्त भारतीय साहित्य साधना भगवान राम और देवी सीता से जुड़ी हुई है।

अवाधुतेश्वर शिव मंदिर - Avadhuteshwar Shiv Temple 

अवाधुतेश्वर मंदिर मऊ जिले के पास में स्थित एक सुंदर मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर साउथ इंडियन स्टाइल में बना हुआ है और बहुत ही सुंदर लगता है। मंदिर के सामने ही एक तालाब देखने के लिए मिलता है। तालाब में बहुत सारी मछलियां है। मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। इसके अलावा यहां पर और भी बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर के बाहर सुंदर गार्डन बना हुआ है। गार्डन में भी शंकर जी की मूर्ति के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बहुत ही अच्छी तरह से बनाया गया है। यह मंदिर बलिया जिले के अंतर्गत आता है और इब्राहिमपट्टी में बना हुआ है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। 


मऊ जिले का प्रशासनिक सेटअप  : 

मंडल     आजमगढ़

मऊ मे तहसीलों की संख्या 
           4 (मऊ , मधुबन गोहना , मधुबन , घोसी )

विकासखंड 
मऊ जिले में विकास खंडों की संख्या 9 है जिनके नाम इस प्रकार हैं । कोपागंज ,घोसी, दोहरीघाट, परदहा ,फतेहपुर मंडाव, बड़राव ,मोहम्मदाबाद गोहना, रतनपुरा एवं रानीपुर

पुलिस थानों की संख्या  11
नगर पालिका की संख्या 1 मऊ 
नगर पंचायतों की संख्या  9
कुल ग्राम पंचायतों की संख्या  684
कुल गावो की संख्या   1691

निर्वाचन क्षेत्र

लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र  1 घोसी 
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र  4 मऊ , मधुबन गोहना , मधुबन , घोसी 

मऊ की अर्थव्यवस्था कृषि एवं उत्पाद 
जिले की अर्थव्यवस्था कृषि पशुपालन वन एवं उद्योग पर आधारित है 
कृषि 
इस जिले की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि आधारित है यहां पर गाए जाने वाले फसल धान गेहूं जो मक्का बाजरा दलहन (उड़द,मसूर,चना ,मटर , मूंग,अरहर) तिलहन (गन्ना ,सरसो, आलू,प्याज और सब्जियां)  है ।
पशुपालन 
पशुपालन इस जिले के लिए अतिरिक्त आय का जरिया है । इस जिले के प्रमुख पशु गाय, भैंस ,बकरी ,भेड़ तथा सूअर है।

वन
मऊ जिले में पाए जाने वाले प्रमुख वन उत्पाद है । आम महुआ ,शीशम बबूल, नीलम पलास और यूकेलिप्टास है । 
खनिज
जिले में खनिज संपदा का अभाव है यहां पर केवल बालू पाए जाते हैं जिससे विनिर्माण का कार्य किया जाता है अर्थात भवन एवं मकानों इत्यादि सारी चीजों का निर्माण करने के लिए किया जाता है।
उद्योग

मऊ पूर्वी उत्तर प्रदेश का एक ऐसा जिला है। यहां पर पावर लूम और हैंडलूम से साड़ी लूंगी गमछा इत्यादि सारी चीजों का निर्माण किया जाता है

मऊ जिले की जनसांख्यिकी : 
लिंगानुपात    979
जनसंख्या घनत्व  1288


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