प्रथम पंचवर्षीय योजना
प्रथम पंचवर्षीय योजना की अवधि 1951 से 1956 तक थी।मॉडल हैरड डोमार ,
प्राथमिकता कृषि और सिंचाई
उद्देश्य देश में स्थिरता लाने के लिए अर्थव्यवस्था का विनिर्माण करना जिससे भविष्य में देश आगे बढ़े
कार्यक्रम प्रथम पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत होने वाले कार्यक्रम इस प्रकार है जैसे कि सामुदायिक विकास कार्यक्रम 2 अक्टूबर 1952 भाखडा नांगल परियोजना दामोदरघाटी परियोजना हीराकुंडबांध उड़ीसा इत्यादि।
राष्ट्रीय आय में वृद्धि 18%
प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि 11%
कृषि उपज में वृद्धि 15%
औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि 40%
द्वितीय पंचवर्षीय योजना
अवधि 1956 से 1961मॉडल महानलोबिस
प्राथमिकता कृषि
उपनाम समाजवादी योजना भौतिकवादी योजना औद्योगिक एवं परिवहन योजना
नारा समाजवाद
उद्देश्य राष्ट्रीय आय में 25% की वृद्धि करना औद्योगिक विकास के लिए आधारभूत उद्योगों को प्रोत्साहन देना कार्यक्रम दुर्गापुर इस्पात कारखाना (पश्चिम बंगाल ब्रिटेन के सहायता से) भिलाई इस्पात कारखाना (छत्तीसगढ़ रूस की सहायता से )राउरकेला इस्पात कारखाना (उड़ीसा जर्मनी के सहायता से)
राष्ट्रीय आय में वृद्धि 21%
प्रति व्यक्ति आय 9%
कृषि उपज 20%
सीमेंट 100%
तृतीय पंचवर्षीय योजना
अवधि 1961 से 1966 तकमॉडल जॉनसैंडी एवं सुखमय चटर्जी
प्राथमिकता कृषि
उद्देश्य खाद्यान्नों के उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाना एवं कच्चे माल के निर्यात में वृद्धि करना
कार्यक्रम बोकारो इस्पात कारखाना (झारखंड रूस की सहायता से )
राष्ट्रीय आय में वृद्धि 14% औद्योगिक विकास 10% विकास दर का लक्ष्य 15% प्राप्त 2.72%
तीसरी पंचवर्षीय योजना के कुछ प्रमुख तथ्य
तीसरी पंचवर्षीय योजना के बाद चौथी पंचवर्षीय योजना 1962 के चीन भारत युद्ध एवं 1965 में भारत-पाक युद्ध 1966 में कृषि पैदावार में वर्षा के अभाव के कारण गिरावट रुपए का अवमूल्यन तथा योजना के लिए आवश्यक साधना के अभाव के कारण से अपने निर्धारित समय से प्रारंभ नहीं कर सकते इसीलिए सरकार ने 1966 ,1967 से 1968 एवं 1968 से 1969के दौरान एक एक वर्षीय चलाई
1969 ईस्वी में गेहूं की पैदावार में वृद्धि के लिए डॉक्टर स्वामीनाथन द्वारा हरित क्रांति तथा डॉ वर्गीज कुरियन द्वारा श्वेत क्रांति चलाई गई
1969 मे हजारी समिति के द्वारा या उनकी सिफारिश पर 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया जिनकी कुल जमा पूंजी 50 करोड़ थी
सबसे कम विकास दर तीसरी पंचवर्षीय योजना में दर्ज की गई
चौथी पंचवर्षीय योजना
अवधि 1969 से 1974 तक
मॉडल अशोक रुद्र एवं एलेन मजे
प्राथमिकता कृषि
नारा गरीबी हटाओ
उपनाम गाडगिल योजना
उद्देश्य
परिवार नियोजन कार्यक्रम को व्यापक तरीके पर लागू करना खाद्यान्नों के उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाना तथा आवश्यक उपभोक्ता सामग्री की कीमतों में हो रहे वृद्धि को कम करना।
विकास किधर का लक्ष्य 5.7% प्राप्त 3.05%
पांचवी पंचवर्षीय योजना
अवधि 1974 से 1978
मॉडल डीपी धर
प्राथमिकता कृषि
नारा रोटी कपड़ा और मकान
उद्देश्य गरीबी निवारण आत्मनिर्भरता
विकास दर का लक्ष्य 4.4% प्राप्त 4.82%
प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि 3.1%
कार्यक्रम
मरुस्थल विकास कार्यक्रम 1977 से 1978 काम के बदले योजना 1976 केंद्र में सत्ता परिवर्तन होते हैं जनता पार्टी की सरकार ने पांचवी पंचवर्षीय योजना को 1 वर्ष पहले समाप्त कर दिया और उसके बाद 1978 से 1979 और 1979 से 1980 के दौरान दो एक 1 वर्षीय योजना चलाएं जिससे जनता सरकार योजना के नाम से जाना जाता है।
छठी पंचवर्षीय योजना
अवधि 1980 से 1985
मॉडल निवेश
प्राथमिकता कृषि
डेनमार्क और यूनिसेफ की सहायता से महिला एवं बाल विकास
कार्यक्रम 1982 नाबार्ड की स्थापना 1980 न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम
उद्देश्य
आर्थिक विकास ग्रामीण भूमिहीन रोजगार कार्यक्रम 1980, विकास दर का लक्ष्य 5.2% तथा प्राप्त 5.4%
सातवीं पंचवर्षीय योजना
सातवीं पंचवर्षीय योजना का समय 1985 से 1990 थाउद्देश्य इस योजना का उद्देश्य सामाजिक न्याय के द्वारा आर्थिक उत्पादन बढ़ाना एवं देश में रोजगार पैदा करना
लक्ष्य वृद्धि दर 5.0%
विकास दर 6.01%
प्रति व्यक्ति आय मैं वृद्धि 3.7%
इसके बाद भारत में दो एक 1 वर्षीय योजनाएं चाहिए 1989 से 1990 और और 1990 से 1991 तक
आठवीं पंचवर्षीय योजना
आठवीं पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल 1992 से 1997 ईस्वी तक था
उद्देश्य आठवीं पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य उद्योगों का आधुनिकीकरण करना था जोकि इस योजना का मुख्य आकर्षण का केंद्र भी था
आठवीं पंचवर्षीय योजना भारत विश्व व्यापार संगठन का सदस्य बन गया
इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी कम करना एवं जनसंख्या का नियंत्रण करना भी था
लक्ष्य वृद्धि दर 5.6% विकास दर 6.8%
नौवीं पंचवर्षीय योजना
9 वी पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल 1997 से 2002 तक थाइस योजना के समय भारत के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेई जी थे
प्रमुख उद्देश्य
नौवीं पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य ऐतिहासिक असमानताओं को दूर करना और देश में आर्थिक विकास को बढ़ाना था। नौवीं पंचवर्षीय योजना का गठन करने वाले अन्य पहलू थे।
जनसंख्या नियंत्रण
गरीबी में कमी
बच्चों को शिक्षा
रोजगार को बढ़ावा देना
गरीबों के लिए भोजन एवं पानी की उचित व्यवस्था करना
कृषि के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाना
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्ग इन लोगों को सशक्त करना
रणनीति
भारतीय अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक विकास
आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए निर्यात की उच्च दरों को बढ़ाना
बिजली दूरसंचार रेलवे आदि जैसी सेवाएं प्रदान करना
रोजगार बढ़ाने के लिए सार्वजनिक एवं निजी समर्थन का संयोजन
लक्ष्य 7.1%
प्राप्त 6.8%
दसवीं पंचवर्षीय योजना
इस योजना का कार्यकाल 2002 से 2007 तक थाउद्देश्य सकल घरेलू उत्पाद में 8% की वृद्धि प्राप्त करना
दसवीं पंचवर्षीय योजना के तहत 20 सूत्री कार्यक्रम पेश किया गया
वृद्धि 8.1%
प्राप्त 7.7 %
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना
इस योजना का कार्यकाल 2007 से 2012 तक था
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के समय भारत के प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जी थे
इस योजना का मुख्य उद्देश्य
18 से 23 आयु वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त कराना था
लैंगिक असमानता में कमी
शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से सशक्तिकरण
पर्यावरण स्थिरता
कृषि ,उद्योग ,सेवाओं में वृद्धि दर क्रमशः 4% ,10% एवं 9% थी।
2009 तक सभी के लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था
12वीं पंचवर्षीय योजना
12वीं पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल 2012 से 2017 तक था
भारत की 12वीं पंचवर्षीय योजना में लक्ष्य 9% रखा गया लेकिन राष्ट्रीय विकास परिषद ने लक्ष्य को 8% ही रहने दिया।
उद्देश्य 0 से 3 वर्ष की उम्र तक के सभी बच्चों में कुपोषण को कम करना
सभी गांव में बिजली पहुंचाना
90% ग्रामीण लोगों को बैंकिंग सेवा प्रदान कराना
उच्च शिक्षा को बढ़ाना
गैर कृषि क्षेत्र में 50 मिलियन तक रोजगार को बढ़ावा देना
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