कोरोना का नया रूप "ओमिक्रोन"

"जैसा कि वैज्ञानिकों के द्वारा बताया गया है कि कोरोना का म्यूटेशन हो रहा है और लगभग 30 से अधिक बार कोरोना का म्यूटेशन हो चुका है। और कोरोना का इस बार का नोटेशन बहुत ही खतरनाक है। जिसका नाम वैज्ञानिकों ने ओमिक्रोन रखा है"

देश में तीसरी लहर का यही सबसे बड़ा कारक वायरस वैरिएंट साबित हो सकता है। शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इसे 'वायरस ऑफ कंसर्न' घोषित करने के बाद से दुनिया भर में अलर्ट जारी हो गए हैं।  आइए पढ़ते है कोरोना का यह म्यूटेशन कितना खतरनाक है।"

ओमिक्रोन
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कोरोना के नए वैक्स वैरीअंट को लेकर लोगों के अंदर तरह तरह की बातें हैं लोग  आपस में कई तरह की बात कर रहे हैं अभी तक हमें इस नए variant के बारे में क्या पता चला है और जानकार लोग इस बारे में क्या कह रहे हैं आइए पढ़ते हैं
भारत की राजधानी (दिल्ली) के एम्स अस्पताल के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि अभी ओमिक्रॉन नाम के कोरोना के  नए वेरिएंट को लेकर जो भी जानकारियाँ अभी तक उन्हें उपलब्ध हो पाई है , उनसे कई तरह की जानकारियों या  संभावनाओं का संकेत मिलता है, लेकिन किसी भी सही नतीजे पर पहुँचने के लिए उन्हें वैज्ञानिक आधार पर जाँचने की आवश्यकता है.

दिल्ली एम्स अस्पताल के डॉक्टर गुलेरिया ने रविवार को समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट के बारे में ऐसा बताया जा रहा है कि ओमिक्रॉन के 30 से ज़्यादा म्यूटेशन हो चुके हैं. ये म्यूटेशन या बदलाव वायरस के स्पाइक प्रोटीन के क्षेत्र में हुए हैं.

दिल्ली के एम्स अस्पताल के  डॉक्टर गुलेरिया के द्वारा यह पता चला है कि वायरस के स्पाइक प्रोटीन वाले क्षेत्र में म्यूटेशन होने से वो वेरिएंट ऐसी क्षमता विकसित कर सकता है जिसमें कि वो इम्युनिटी से बच सकता है, यानी ये हो सकता है कि टीके या दूसरी वजहों से पैदा हुई शरीर की प्रतिरोधी क्षमता का उस वायरस पर असर नहीं हो.

दिल्ली अस्पताल के एम्स प्रमुख  Dr. Randeep Guleria  ने कहा कि ऐसे में दुनिया की सभी कोविड वैक्सीनों की समीक्षा करनी पड़ेगी क्योंकि अधिकतर वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन से जूझने वाले एंटीबॉडी विकसित करते हैं, और इसी आधार पर वो वैक्सीन काम करती है.

"बहुत साधारण लक्षण"

वायरस का ये नया वेरिएंट आमिक्रोन इस महीने सबसे पहले दक्षिण अफ़्रीका में पाया गया था जिसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन W.H.O को इसकी जानकारी दी गई, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फिर 24 नवंबर को इस दक्षिण अफ़्रीका को इस नए वेरिएंट की पुष्टि की और सभी को जानकारी  दी


विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले सप्ताह कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट को आमिक्रोन को "चिंता का विषय" बताते हुए इसका नाम ओमिक्रॉन रखा था.


विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बयान जारी कर कहा था कि कोरोना के इस नए वेरिएंट के बहुत सारे म्यूटेशन हो रहे हैं, कहने का मतलब यह है की कोराेना का यह वैरीअंट लगातार परिवर्तित  हो रहा है, और शुरुआती संकेत यही मिल रहे हैं कि इससे दोबारा संक्रमित होने का ख़तरा है.


कोरोना के इस नए वेरिएंट को सबसे पहले दक्षिण अफ़्रीका की डॉक्टर एंजेलिक़ कोएत्ज़ी ने पकड़ा. उन्होंने बीबीसी को बताया कि अभी तक तक वहाँ जिन लोगों में ये वेरिएंट मिला है उनमें कोविड के "बहुत साधारण लक्षण" नज़र आए हैं.


उन्होंने कहा,  "ज़्यादातर मरीज़ बदन में दर्द और बहुत ज़्यादा थकावट की शिकायत कर रहे हैं. और मैं ये बात युवाओं के बारे में कर रही हूँ. मैं उन लोगों की बात नहीं कर रही जो अस्पताल जाकर भर्ती हो गए."


हालाँकि, डॉक्टर कोएत्ज़ी ने साथ ही कहा कि ऐसे लोग जिन्हें ख़तरा ज़्यादा होता है, उनपर इस वेरिएंट के असर की गंभीरता का अनुमान लगाने में अभी समय लगेगा.

अमेरिका के संक्रामक रोग प्रमुख डॉ. एंथनी फाउची ने कहा है कि नए वेरिएंट मिलने की ख़बर ने ख़तरे का संकेत दे दिया है पर कोविड वैक्सीन अभी भी इस बीमारी की गंभीरता को रोकने में सक्षम हो सकते हैं.


अमेरिका के संक्रामक रोग प्रमुख डॉक्टर एंथनी फाउची ने सीएनएन को बताया, "जब तक ठीक से जाँच नहीं हो जाती तब तक हमें नहीं पता कि यह वायरस से बचाने वाली एंटीबॉडी को मात देता है या नहीं."

"बदलाव के लक्षण है कितने गंभीर"


यह कोरोना का 30 से अधिक बार का म्यूटेशन  है और म्यूटेशन का अर्थ होता है बदलाव जिसके कारण वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वैरीअंट कोरोना का सबसे खतरनाक वैरीअंट है जो कि अभी  विश्व के 5 से 6 देशों में पाया गया है जिसमें की सबसे प्रमुख है दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना
भारत के वैज्ञानिक रणदीप गुलेरिया ने जो कि एम्स के प्रमुख हैं उन्होंने पहले ही भारत को सचेत कर दिया है कि आने वाला कोरोना का यह वेरिएंट बहुत ही खतरनाक है इसलिए हमें पहले से ही सतर्क रहना चाहिए।





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