1857 का विद्रोह : 1857 का विद्रोह : विद्रोह के प्रमुख कारण , विद्रोह के असफलता के प्रमुख कारण , 1857 के विद्रोह पर लिखी गयी प्रमुख पुस्तके , क्रांति का केंद्र नेतृत्वकर्ता एवं दमनकर्ता

 1857 का स्वतंत्रता संग्राम : 

1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण बन्दूको में लगने वाले चर्बी युक्त कारतूस थे , कैनिंग सरकार ने सैनिको के प्रयोग के लिए बाउन वैस राइफल के स्थान पर इनफिल्ड राइफल का प्रयोग करवाना चाहता था लेकिन लोगो को जब ये मालूम हुआ कि बन्दूक में लगने वाले कारतूस में गाय और सूअर की चर्बी मिलाई गयी है ,  तो उन्होंने विद्रोह कर दिया , सर्वप्रथम मंगल पाण्डेय जो सैनिक सेना में थे , उन्होंने दो अंगरेजी अफसरों को मार दिया  क्यूकि  गाय को हिन्दू धर्म के अनुसार माता माना जाता है , और सूअर को मुस्लिम धर्म के अनुसार  मुसलमान लोग घृणा की दृष्टि से देखते है  जिसके कारण हिन्दू और मुस्लिम सभी ने एक साथ  मिलकर विद्रोह कर दिया /

1857 की क्रान्ति का सबसे बड़ा कारण  बन्दूक में लगने वाला  कारतूस था, जिसको मुह से खीच कर बन्दूक में लगाना पड़ता था / 1857 के विद्रोह का सबसे प्रमुख कारण यही था /    

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1857 ki kranti in hindi

1857 की क्रान्ति शुरुआत कहाँ और किसके नेतृत्व में हुई थी?

  • 29 मार्च 1857 को बैरकपुर में मंगल पांडे के नेतृत्व में ये क्रान्ति शुरू हुयी थी. इतिहास में इस क्रांति की शुरुआत 10 मई सन 1857  से मानी जाती हैं , जब मेरठ के सिपाहियों ने ईस्ट इंडिया कम्पनी के खिलाफ बगावत कर दी थी.
  • इस तरह इस क्रान्ति की शुरुवात बैरकपुर छावनीऔर मेरठ से शुरू हुयी थी , ये क्रान्ति जल्द ही दिल्ली, कानपूर, अलीगढ, लखनऊ, झांसी, इलाहाबाद, अवध और देश के कई अन्य हिस्सों तक पहुँच गयी थी.


लार्ड केनिंग : 

  • लार्ड केनिंग को 1856 में भारत का गवर्नर जनरल बनाया गया था उनका कार्यकाल 1862 तक रहा था/ 
  • इस दौरान गवर्मेंट ऑफ़ इंडिया एक्ट,1858 भी पास हुआ जिसके अनुसार भारत के गवर्नर जनरल को ही वायसराय घोषित किया गया,इस तरह से लार्ड केनिंग भारत के पहले वायसराय एवं अंतिम गवर्नर जनरल बने/
  • कैनिंग के वायसराय बनते ही 1857 की क्रांति हो गयी ,जिसे विफल करने में वो कामयाब रहे. यह ब्रिटिश सरकार की भारत की जनता के ऊपर एक बड़ी जीत साबित हुई और इसका सारा श्रेय लार्ड केनिग को दिया गया /


1857 के विद्रोह पर कुछ विशेष लोगो की टिप्पणी : 

  • 1857 का विद्रोह एक राष्ट्रीय विद्रोह था - बेंजामिन डेजराईली 
  • 1857 का विद्रोह एक सैनिक विद्रोह था - लारेन्स एवं शीले 
  • 1857 का विद्रोह धर्मान्धकारो का ईसाइयों के विरुद्द विद्रोह था - रीस 
  • 1857 का विद्रोह बर्बरता का सभ्यता के विरुद्ध विद्रोह था - होम्स 
  • 1857 का विद्रोह न तो पहला था न तो राष्ट्रीय - A.C. मजूमदार 
  • 1857 का विद्रोह एक सुनियोजित स्वतंत्रता संग्राम था - वी० डी० सावरकर 

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1857 का स्वतंत्रता संग्राम- 

  • पहले से निश्चित तिथि - 31 मई 
  • प्रारम्भ - 10 मई 
  • मुग़ल बादशाह - बहादुर शाह जफ़र 
  • योजनाकर्ता - नाना साहेब (धुंधूपंत)
  • इंगलैंड का प्रधानमंत्री - लार्ड पामस्टन 
  • गवर्नर जनरल भारत - लार्ड कैनिंग 
  • मुख्य नेतृत्वकर्ता - बहादुर शाह द्वितीय 

1857 की क्रान्ति होने  के प्रमुख कारण : 

  • यह 1857 की क्रांति एक दिन में तय होने वाले सामान्य से विद्रोह की क्रान्ति नहीं थी, बल्कि इस क्रान्ति को पनपने में तथा पूरे देश भर में फैलने में काफी समय लगा था.

  • उस समय अंग्रेजों के कारण भारतीय समाज में काफी असंतुलन पैदा हो गया था. ब्रिटिश ऑफिसर और भारतीयों में भेदभाव बढ़ गया था.

  • ब्रिटिश अफसर भारतीय अफसरों के साथ घुलते-मिलते नहीं थे/ भारत की आम जनता और अफसरों को उन रेस्टोरेंट,पार्क और क्लब में जाने की अनुमति नहीं थी जहाँ पर ब्रिटिश जाते थे.

  • भारतीयों को हमेशा रंग के भेदभाव और सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता था. इसके अलावा अंग्रेजों को लगा कि भारतीयों के लिए उनका धर्म ही  सबसे बड़ा हैं इसलिए उन्होंने भारतीयों की
  •  धार्मिक भावना को चोट पंहुचाना शुरू कर दिया,जिसे समाज में रोष फैलने लगा. इसके पीछे कई कारण थे,जिनमें राजनीतिक,सैन्य,धार्मिक और सामजिक कारण मुख्य थे.

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1857 के विद्रोह के प्रमुख सैन्य कारण :-


  • अंग्रेजों के खिलाफ होने वाले सैन्य आन्दोलन के पीछे बहुत सारे कारण थे / 
  • 1857 की क्रान्ति से पहले भी बहुत से सैन्य विद्रोह हुए थे ,  जैसे कि -
  • 1806 से ही भोपाल के सिपाही अंग्रेजों से नाराज थे,क्योंकि उन्हें तिलक लगाने, सर पर टोपी पहनने से निषेध कर दिया गया था.
  • सबसे पहले 1806 में सैन्य विद्रोह वेल्लोर में हुआ था जो कि 1824 तक बंगाल पहुच गया था और 1844 में सिंध और रावलपिंडी तक पहुच गया था.
  • भारतीय सैनिकों को अंग्रेज सैनिकों से कम मेहनताना मिलता था. सैनिकों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता खराब होती थी.
  • ब्रिटिश अधिकारियों का भारतीय सैनिकों के प्रति व्यवहार ख़राब था. भारतीय सैनिकों को अपने घर-परिवार से दूर युद्ध पर भेजा जाता था/ 
  • भारतीय सैनिकों का वेतन 9 रूपये प्रति माह था और इसी के साथ हिन्दू सैनिक कालापानी तक जाने के लिए समुन्द्र को पार करने के कारण भी गुस्से में थेइस दौरान ही एनफील्ड राइफल भी आर्मी में लायी गई जो कि 1857 की क्रांति का सबसे बड़ा कारण बनी. इस राइफल की बुलेट पर ग्रीज का पेपर लगा होता था.सैनिक को अपने दांतों से इसे हटाना होता था,हिन्दू और मुस्लिम ने इसका विरोध किया,क्योंकि हिन्दुओं को लगता था कि इसमें गाय की चर्बी का इस्तेमाल हुआ हैं जबकि मुस्लिमों को लगा कि इसमें सूअर की चर्बी का उपयोग किया गया है/ 
  • इससे दोनों पक्षों की धार्मिक भावनाए आहत हो गयी , मंगल पांडे के नेतृत्व में सैनिकों ने विद्रोह छेड दिया. ये विद्रोह सैनिकों ने किया था इसलिए इसे अंग्रेजों ने सैन्य विद्रोह की संज्ञा दी. जब ये विद्रोह दिल्ली पंहुचा तो क्रांतिकारियों ने बहादुर शाह जफ़र को इस क्रांति का लीडर घोषित कर दिया/

प्रमुख राजनैतिक कारण : 


  • प्लासी के युद्ध(1757 ई०) के बाद अंग्रेजों के निरंकुश शासन से भारत के सभी वर्गों में आक्रोश था. इस क्रान्ति का सबसे प्रमुख कारण लार्ड डलहौजी की नीतिया थी  ,जिसके वजह से ये क्रान्ति हुई /
  • डलहौजी ने अवध, नागपुर, झाँसी, सतारा, नागपुर, सम्बलपुर, सूरत और ताजोर की आम जनता के साथ शासकों को भी नाराज किया था/ जिसकी वजह से  संथल,भील,खासी,जाट और फेराजी भी ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जंग में उतर चुके थे.
  • भारतीय शासकों में पुत्र गोद लेना एक पुरानी परम्परा थी,लेकिन इस प्रथा को अस्वीकार करके राज्य को हड़पने के डलहौजी की इस नीति ने भी  लोगों में गुस्सा बढ़ा दिया था.
  • झांसी की रानी रानी लक्ष्मीबाईऔर नाना साहेब भी डलहौजी के इस नीति के विरोध में थे.क्लाइव के अच्छे शासन के लिए लायी गयी दोहरी नीति से भारत में अकाल पड़ गया.
  • जब बहादुर शाह जफ़र  से मुग़ल शासक की गद्दी छीन ली गयी तब मुस्लिम वर्ग ब्रिटिश हुकुमत के खिलाफ एकजुट हो गया.

आर्थिक कारण: 

  • प्लासी के युद्ध (1757 ई०) के बाद देश में गरीबी बढ़ गयी थी क्योंकि ब्रिटिश सरकार ने भारत से उसकी सभी बेशकीमती वस्तुए छीन लिया था /
  • देश की आम जनता से एकत्र किया हुआ कर(tax) यानी धन  इंग्लैंड जाता था.1833 ईस्वी के चार्टर एक्ट ने बहुत से यूरोपियन कंपनी को भारत में व्यापार करने की अनुमति दे दी थी,जिससे भारत पर आर्थिक दबाव बढ़ गया था.
  • अंग्रेज यहाँ से ही कच्चा माल कम दरों पर खरीदकर यही पर उसे अधिक कीमतों में रेडीमेड चीजें बेचने लगे थे / 
  • भारत का बाजार मैनचेस्टर कपड़ों से भर गया था जिसके कारण आखिर में यहाँ की हेंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री खत्म ही हो गई. इस तरह से चीजों की कीमत बढ़ जाने और आमदनी कम होने के कारण यहाँ भारत में अकाल और महामारी फैलने लगी/ 
  • दीवानी हासिल करने के बाद जमीनों की लागत भी बढ़ गयी थी. भारतीयों का वेतन अंग्रेजों से बहुत कम था,जिससे आर्थिक असंतुलन पनपने लगा था.
  • भारत के सभी छोटे-छोटे उद्योगों को समाप्त किया जाने लगा था यहाँ की क्राफ्टसमैन ,मजदूर और किसान गरीब होने लगे थे. ये सभी वर्ग बढे हुए करों का बोझ भी नहीं उठा पा रहे थे.

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1857 के विद्रोह की प्रमुख घटनाए :

  • फैजाबाद के नेतृत्वकर्ता मौलवी अहमदुल्लाह ने अंग्रेजो के विरुद्ध जिहाद का नारा दिया , जिससे नाराज होकरअंग्रेजो ने इन्हें ज़िंदा या मुर्दा पकड़ने पकड़ने के लिए 50000 रूपये ईनाम रखा था / 
  • निकोलसन ,हडसन ,हैवलाक ,नील ऐसे दमनकर्ता थे जिनका विद्रोह के समय ही जान से हाथ धोना पड गया था /
  • नाना साहब ,बेगम  हजरत महल ,बिरजीश कादिर का खान बहादुर विद्रोह की समाप्ति के बाद नेपाल भाग गए थे लार्ड वेलेजली /की सहायक संधि तथा लार्ड डलहौजी की राज्य हडपनीति 1857 के विद्रोह का सबसे प्रमुख कारण बनी /
  • लार्ड वेलेजली ने सबसे पहले हैदराबाद के निजाम को सहायक संधि स्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया / 
  • लार्ड डलहौजी की हड़पनीति के अनुसार सबसे पहले 1848 में सतारा को ,1853 में झांसी को ,1854 में नागपुर को तथा इसके अतिरिक्त संभल तथा बघार्द को ब्रिटिश साम्राज्य में मिलाया  गया /
  • 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण चर्बी लगा हुए  कारतूस का प्रयोग था /

ब्रिटिश शासन के अधीन भारत : 

  • 1857 के विद्रोह के असफल होने के तत्काल बाद 1 नवम्बर 1858 ई० को इलाहाबाद के मिन्टो पार्क में आयोजित दरबार में लार्ड कैनिंग ने महारानी विक्टोरिया के घोषणापत्र के तहत भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार पर पूर्णतः रोक लगा दी गयी / 
  • गोद लेने की प्रथा को बहाल कर दिया गया /
  • भारत में ईस्ट इण्डिया कंपनी के शासन को ख़त्म करके सीधे ब्रिटिश क्राउन के अधीन कर दिया गया तथा गवर्नर जनरल के पद को वायसराय कहा जाने लगा / 
  • 1858 ई० में ब्रिटिश सरकार द्वारा सेना के पुनर्गठन के लिए स्थापित पील कमीशन के रिपोर्ट पर सेना में भारतीय सैनिको की तुलना में यूरोपीय सैनिको का अनुपात बढ़ा दिया गया /
  • 1858 ई० में सैनिको की भर्ती के लिए ब्रिटिश सरकार ने एक रायल कमीशन गठित किया तथा चालाकी से फूट डालो और राज करो की नीति का अनुसरण करते हुए सेना को जाति ,धर्म ,समुदाय के आधार पर बांटा गया /

1857 के विद्रोह पर लिखी गयी प्रसिद्ध पुस्तके :

  • फर्स्ट वार आफ इंडियन इंडिपेंडेंस - वी० डी० सावरकर 
  • द ग्रेट रिवोल्यूशन - अशोक मेहता 
  • 1857  - एस० एस० सेन 
  • स्कोपी म्यूनिटी एंड द रिवोल्ट आफ 1857 - आर० सी० मजूमदार 

1857 की क्रान्ति के असफल होने के कारण : 


1857 की क्रान्ति सफल ना हो सकी, लेकिन इसने भारतीय जन-मानस पर काफी प्रभाव छोड़ा,जिसका परिणाम देश ने 100 वर्ष उपरान्त स्वतन्त्रता के पहले संग्राम के रूप में देखा. इसकी असफलता के कई मुख्य  कारण रहे-
1857 की क्रान्ति के असफल होने का मुख्य कारण ये था कि ये विद्रोह  एक साथ नहीं हुआ ये विद्रोह  अलग-अलग स्थानो पर अलग-अलग समय पर हुआ /
दूसरा सबसे बड़ा मुख्य कारण था कि  पहले से जो निश्चित तिथी थी उस समय पर न होकर यह  उससे पहले ही हो गया / 
अंग्रेजो के पास नए प्रकार के अत्याधुनिक हथियार थे और हमारे पास वही घिसे पीटे फावड़ा ,कुदाल तीर कमान इत्यादि थे 
1857 की क्रान्ति की पहले से निश्चित तिथी 31 मई थी लेकिन लोग आक्रोश में आ कर विद्रोह को 10 मई को ही प्रारम्भ कर दिए जिससे भारत के हर हिस्से में एक साथ विद्रोह न होने के वजह से ही यह क्रान्ति मुख्य रूप से असफल हुई / 
मुख्य रूप से यही मुख्य कारण थे 1857 की क्रान्ति के असफल बनाने के 

क्रान्ति का केंद्र ,नेतृत्व कर्ता एवं दमनकर्ता : 

कानपुर : इस केन्द्र के प्रमुख नेतृत्व कर्ता नाना साहेब , एवं तात्या टोपे थे तथा दमनकर्ता कर्नल कैम्पबेल था /
लखनऊ : लखनऊ अवध की राजधानी थी और इस समय उत्तर प्रदेश की राजधानी है , इसके नेतृत्वकर्ता बेगम हजरत महल , एवं बिरजीश कादिर थे एवं दमनकर्ता कर्नल कैम्पबेल था / 
झांसी : इस केंद्र के प्रमुख नेतृत्व कर्ता रानी लक्ष्मी बाई एवं तात्या टोपे थे एवं दमनकर्ता विलियम ह्यूरोज थे /
बरेली : इस केंद्र के प्रमुख नेतृत्वकर्ता खान बहादुर एवं दमनकर्ता विसेंट आयर थे /
फैजाबाद :इस केंद्र के प्रमुख नेतृत्वकर्ता मौलवी अहमदुल्लाह एवं दमनकर्ता जनरल रेनाल्ड थे / 
आरा :इस केंद्र के प्रमुख नेतृत्वकर्ता कुवर सिंह एवं अमरसिंह थे एवं दमनकर्ता मेजर विलियम टेलर थे /
इलाहाबाद : इस केंद्र के प्रमुख नेतृत्वकर्ता मौलवी लियाकत अली एवं दमन कर्ता कर्नल नील थे /
दिल्ली : इस केंद्र के प्रमुख नेतृत्वकर्ता जीनत महल ,बख्त खां एवं बहादुर शाह द्वितीय थे तथा  प्रमुख दमनकर्ता निकोलसन एवं हडसन थे / 








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