बार्टर सिस्टम :
वस्तुओं का विनिमय : वस्तुओं के विनिमय में विभिन्न प्रकार की चुनौतियां थी।
- दोहरी सहयोग की कमी
- नासवान वस्तुएं जल्दी खराब
- अधिक मूल्य हेतु खोज
मुद्रा
माध्यम के लिए मुद्रा का उद्भव:
मुद्रा के कार्य मुद्रा के मुख्य रूप से दो कार्य थे
प्राथमिक कार्य :
- मूल्य का मापन
- विनिमय का माध्यम
द्वितीयक कार्य:
- मूल्य का संचय
- स्थानांतरण
- स्थगित भुगतानों का मापन
मुद्रा का उद्भव :
वस्तु मुद्रा :
जब किसी वस्तु को मुद्रा के भांति प्रयोग किया गया
जैसे: हाथी दांत ,सोने के दाने, बकरी एवं गाय इत्यादि
वस्तु मुद्रा के लिए चुनौती :
- सभी के द्वारा स्वीकार नहीं
- शुद्धता
- समरूपता
धात्विक मुद्रा :
- धातु से बनी
- अंतरभूत मूल्य
- अंकित मूल्य
- टोकन सिक्का
कागजी मुद्रा:
- कागज से बनी हुई मुद्रा
- अंतरभूत मूल्य नहीं है
वैधानिक मुद्रा:
- दो शर्तों का एक साथ अनिवार्य
- राजा /रानी /सरकार /केंद्रीय बैंक द्वारा निर्गत
- यह किसी भौतिक रूप में होना चाहिए
वैधानिक निविदा :
- दो शर्तों को पूरा
- विधिक मुद्रा
- उसे लेनदार स्वीकार कर ले
इसके दो प्रकार हैं।
सीमित मुद्रा :
- सीमित मात्रा में स्वीकार
- ₹1 उससे अधिक (अधिकतम ₹1000)
असीमित मुद्रा :
- नोटो को असीमित मात्रा में स्वीकार
0 टिप्पणियाँ
if you have any doubt please let me know