भूकंप का संकेत देने वाली मछली

 


क्या कोई बड़ा भूकंप आने वाला है? ये सवाल इसलिए क्योंकि एक दुर्लभ मछली, जिसे 'भूकंप का अग्रदूत' माना जाता है, तट पर बह कर पाई गई है। जापानी लोककथाओं के अनुसार, "ओरफिश " को तट पर देखे जाना आने  वाले भूकंप का संकेत है।


इसके दिखने का मतलब तबाही है। इसको डोमिनिकन रिपब्लिक के पेपिलो साल्सेडो में लॉस कोक्विटोस बीच के तट पर देखा गया। हालांकि, कुछ ही समय बाद वह मर गई। स्थानीय लोग आसन्न संभावित खतरे के खौफ से कांप उठे हैं। ओरफिश समुद्र की सबसे लंबी मछलियों में से एक है। इसकी लंबाई 56 फीट 17 मीटर तक हो सकती है। इसका वजन 200 किलोग्राम 441 पाउंड से अधिक हो सकता है। कुछ रिसर्चर्स मानते हैं कि ये मछली विद्युत चुम्बकीय परिवर्तनों के कारण उथले पानी में चली जाती हैं, जो तब होता है जब धरती की सतह में पर टेक्टॉनिक मूवमेंट होती है। एनवायरमेंट मिनिस्ट्री के मिनिस्टर जोस रेमन रेयेसने लोकल ने बताया कि यह गहरे समुद्र में रहने वाली मछली है। इसका सतह पर पाया जाना असामान्य है। इसके देखे जाने से कोई, खतरा नहीं है। यह एक ऐसी मछली है, जो आमतौर पर गहराई में रहती है। 1842 में इसे रहस्यमय तरीके से सेप्टेंट्रियल-ओरिएंट स्ट्राइक स्लिप फॉल्ट जोन के पास देखा गया था, तो उस साल कैप-हाईटियन भूकंप और पड़ोसी हैती में सुनामी आई, जिसमें लगभग 5,300 लोग मारे गए थे। इन मछलियों को लेकर धारणा है कि जब वे दिखती हैं तो विनाशकारी भूकंप आता है। जापान में वे नामाजू के मिथक से जुड़ी हुई हैं। नामाजू एक विशाल कैटफिश है, जो समुद्र की गहराई में रहती है और भूकंप का कारण बनती है। 2010 में जापान के उत्तरी तट पर 10 मछलियों के बह जाने के बाद ओरफिश की एक विनाशक प्राणी के रूप में धारणा और मजबूत हो गई। महीनों बाद, देश में एक बड़े भूकंप ने तबाही मचा दी, जिससे सुनामी आई, जिसमें लगभग 19,000 लोग मारे गए और फुकुशिमा परमाणु संयंत्र नष्ट हो गया। ओरफिश महासागरों में पाई जाने वाली एक मछली है, जिसे तटों पर बहुत कम देखा जाता है, क्योंकि वे सतह से कम से कम 1000 मीटर नीचे छिपकर रहती हैं। इंसानों द्वारा जीवित ओरफिश को देखना अत्यंत दुर्लभ है। उन्हें अक्सर भूकंप के पूर्वानुमान कर्ताओं के रूप में बताया जाता है, क्योंकि वे भूकंप के झटके से पहले और बाद में समुद्री किनारों पर बहकर आ जाती हैं।

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